वाराणसी (एसएनबी)। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई का शहर के सीवर सिस्टम को दुरुûस्त करने का काम तेजी से चल रहा है। इसके चलते अप्रैल के बाद शहर को सीवर ओवरफ्लों की समस्या से बहुत हद तक निजात मिल जाएगा। चूंकि मेन सीवर क्लीयर होने पर ब्रांच सीवर भी किसी तरह की परेशानी खड़़ी नहीं करेगा। इकाई द्वारा शाही नाला को क्लीयर करने के लिए अस्सी चौराहे से राजघाट तक चार अलग–अलग जगह में मोटी पाइप लाइन बिछायी गयी थी जिसका स्टाÍटग प्वाइंट ७५० एमएम और लास्ट प्वाइंट २४०० एमएम रहा है। ॥ इस टेम्पररी पाइप लाइन को चार पार्ट में बिछाया गया था जिसमें अस्सी चौराहे से गिरजाघर तक‚ बेनिया से मछोदरी तक और कोनिया स्पेशल मेनहोल से कोनिया पम्पिंग स्टेशन तक का काम पहले ही पूरा हो चुका था। चौथा टेम्पररी पाइप लाइन गिरजाघर से बेनियाबाग तक बिछाया गया था। इस पाइप लाइन के सहारे सीवर के फ्लो को लहुराबीर को ओर ड़ायवर्ट कर शाही नाला को दुरुûस्त करने का काम चल रहा था। हालांकि इस काम में अंड़र ग्राउंड़ समस्या बहुत हुई थी। इसमें मेन सीवर पाइप लाइन से बॉड़ी कनेक्शनों का पता लगाने में टीम को बहुत माथा–पच्ची करनी थी जिसके कारण पूरा काम तय समय से करीब दो महीने विलंब से खत्म हुआ। बहरहाल‚ यहां काम पूरा होने के बाद करीब छह दिन पूर्व इस पाइप लाइन को यहां से भदऊचुंगी शिफ्ट कर दिया गया है। साथ यहां लगे पम्पिंग सेट कोनिया ले जाया गया है। पाइप हटाने का काम २५ दिसम्बर से ही शुरू हो गया था। इस पाइप के हटने से उस रूट पर जहां ट्रैफिक की समस्या बहुत कम हो गयी है वहीं‚ राहगिरों को भी राहत मिली है। उधर‚ भदऊचुंगी से मछोदरी तक ड़ायवर्जन पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। इस तरफ ट्रैफिक की समस्या नहीं है। इसमें १७० मीटर तक पाइप बिछ भी चुका है। यहां दो पार्ट में काम होना है। कोनिया स्पेशल मेनहोल से कोनिया पम्पिंग स्टेशन तक पाइप बिछ चुका है और वहां गिरजाघर–बेनियाबाग से लाये पम्पिंग सेट लगाकर डि़सिल्टिंग का काम शुरू हो चुका है। इसके ३० अप्रैल तक पूरा करने का टार्गेट मिला है और प्रदूषण नियंत्रण इकाई इस समयावधि में ही काम पूरा करने का दावा कर रहा है। ॥ रमना एसटीपी को पूरा करने का प्रयासः ५० एमएलड़ी क्षमता का रमना एसटीपी जल्द ही तैयार हो जाएगा। कार्य प्रगति पर है और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई भी इस दिशा में तत्पर है। एसटीपी के तैयार होने अब तक की प्रोग्रेस रिपोर्ट के आधार पर इसे मार्च तक कम्पलीट होने की बात कही जा रही है॥। गिरजाघर से बेनिया तक शाही नाला का काम खत्म ॥